संपादक की कलम से
अत्यंत प्रसन्नता का अवसर है की श्री गोविंद माधव सन्देश पत्रिका निरंतर प्रगति की और अग्रसर हो रही है और नित्य नए सोपान गढ़ रही है,
इसी तारतम्य में इस पत्रिका की एक वेब साइट प्रारंभ की जा रही है जिसमें आपको सम्पूर्ण जानकारी और गतिविधियां तुरन्त ही प्राप्त हो सकेगी।
www.govindmadhavsandesh.com
वर्तमान समय में पाठकों में इस वेब पत्रकारिता की धुन बहुत अधिक बढ़ी है. इसी को देखते हुए हिंदी के लगभग सभी समाचार पत्रों एवं समाचार एजेंसियों ने स्वतंत्र रूप में अपने साइट्स को विकसित किया है. यहाँ तक की आकाशवाणी और टेलीविजन चैनल ने भी अपना रूप बदलकर अपने अंतर्जाल संस्करण शुरू किए है. वेब पर ऑनलाइन सहित्यिक पत्रिकाओं की संख्या भी निरंतर बढ़ रही है.साथ ही ब्लॉग के आगमन से भी हिंदी वेब पत्रकारिता और साहित्य अधिकाधिक समृद्ध हो रहे है. साहित्यकार अपने ब्लॉग के द्वारा वैश्विक पाठक से जुड़ कर हिंदी भाषा और साहित्य को विश्व स्तर तक पहुँचा रहे है.
यह एक बहुउद्देश्यीय साइट होगी जिसमें सभी होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा, समाज को कैसे नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया जाएं,वैवाहिकी,अंतिम यात्रा,शोक सभा आदि की सूचनायें तुरन्त एक क्लिक पर होंगी
तकनीकी अवरोध तथा फॉण्ट की समस्याओं से भी हिंदी वेब मीडिया अब लगभग मुक्त हो चुका है. वेब पत्रकारिता के क्षेत्र में इतनी मजबूत पकड़ बनने के बावजूद भी हिंदी वेब पत्रकारिता के सामने आज आर्थिक स्त्रोत तथा विश्वसनीयता जैसी चुनौतियाँ है. वेब पत्रकारिता एवं मीडिया लेखन के क्षेत्र में प्रतिदिन नए – नए आयाम विकसित हो रहे हैं. वेब पत्रकारिता के क्षेत्र में करियर की बहुत अधिक संभावनाएं है इस क्षेत्र का तकनीकी ज्ञान,भाषा और सूचना कौशल आपको एक बेहतर करियर और रोजगार का अवसर प्रदान करता है.
आज का युग संचार क्रांति का युग है. संचारक्रांति की इस प्रक्रिया में जनसंचार माध्यमों के भी आयाम बदल रहे हैं. आज की वैश्विक अवधारणा के अंतर्गत सूचना एक हथियार के रूप में परिवर्तित हो गई है. सूचना जगत गतिमान हो गया है, जिसका प्रभाव जनसंचार माध्यमों पर पड़ा है. समाचारपत्र, रेडियो और टेलीविजन जैसे पारंपरिक माध्यमों की जगह आज वेब मीडिया ने ले ली है.परंपरागत पत्रकारिता से बिलकुल भिन्न कम्प्यूटर और अंतरर्जाल के माध्यम से संचालित पत्रकारिता को वेब पत्रकारिता कहा जाता है.इसे ऑनलाइन पत्रकारिता, अंतरर्जाल पत्रकारिता तथा सायबर पत्रकारिता के नाम से भी जाना जाता है.इसकी पहुँच किसी एक पाठक,गाँव,शहर या एक देश तक सीमित नहीं है बल्कि सम्पूर्ण विश्व तक होती है. इसे प्रिंट मीडिया,रेडियो और टेलीविजन का मिला जुला रूप भी कह सकतें है.चूँकि इसमें समाचारों को पढ़ा भी जा सकता है तथा सुना और देखा भी जा सकता है.इसमें टेक्स्ट,पिक्चर्स, ऑडियो और वीडियो का प्रभावकारी रूप से प्रयोग किया जाता है. ‘इसमें वेब सूचना यहाँ से वहाँ रखी जा सकती है, संरक्षित की जा सकती है।इसमें सूचना और समाचारों के अतिरिक्त लेख,कविता, कहानी, उपन्यास,व्यंग्य,,साक्षात्कार, समीक्षा तथा समसामयिक विषयों पर आलेख भी प्रदर्शित होतें हैं.’वेब पत्रकारिता ने सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दे को काफी विस्तार दिया है.जहाँ कल तक मीडिया पर एक खास वर्ग तथा खास विषयों का दबदबा रहा हैं वहीं पर पत्रकारिता ने समाज से जुड़े मुद्दे का उठाने ने काफी सहायता की है,इस तरह साहित्यिक विधाएँ, ज्ञान-विज्ञान, मनोरंजन तथा प्रादेशिक, राष्ट्रीय,अंतरराष्ट्रीय अद्यतन खबरों से परिपूर्ण होती है यह वेब पत्रकारिता.